Saturday 12 March 2016

shayri1


ये मोहब्बत भी आग जैसी है ..लग जाये
तो बुझती नही..और…बुझ जाये तो..जलन होती है…!
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तू तो ख्वाब थी, हकीकत कभी हुईं तो नहीं…
मैंने बस ख्वाब हारा है, तुझे पाने का हौसला तो नहीं..!
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कुछ लौग ये सोचकर भी मेरा
हाल नहीं पुँछते…!
कि यै पागल दिवाना फीर कोई
शैर सुना देँगा .!!
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बचपना अब भी वही है हममें ….
बस ज़रूरतें बड़ी हो गयीं हैं ….
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झुक के जो आप से मिलता होगा,
उस का क़द आप से ऊँचा होगा…
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मर जाता हूँ, जब यह सोचता हूँ
मै तेरे बग़ैर जी रहा हूँ…
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वक्त की यारी तो हर कोई करता है मेरे दोस्त…..
मजा तो तब है जब वक्त बदल जाये पर यार ना बदले….
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तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं,
किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं…
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वो तो कह कर चली गयी की मुझे कल से भूल जाना..
सदियों से में”आज”को रोक कर बैठा हूँ !!
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मसला जब भी चला है खूबसूरती का,
फैसला सिर्फ आपके चहेरेने कियां है….!!!
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आईना खफा हो गया,
जब चहेरे बदल गये………..
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याद तो अब भी है तेरी, दिल में..
पर वो रास्ता, वो मंजिले खत्म हो गयीँ..!
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वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम
की वजह..
फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा,
मोहब्बत की थी ना… ??
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मत कर यूं बेपनाह इश्क, ऐ नादां दिल उनसे..
बहुत जख़्म लगते हैं, जब उँचाई से गिरते हैं..!
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तू रूठी रूठी सी रहती है ऐ जिंदगी!!!,
कोई तरकीब बता तुझे मनाने की!!!,
मैं साँसें गिरवी रख दूंगा अपनी!!!,
बस तू कीमत बता मुस्कुराने की!!!
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कबर को देख के ये रंज होता है “दोस्त”,
के इतनीसी जगह के लिए मरना पड़ा…
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हार ने के लिये तो बहुत कुच है मेरे पास.
बस मेरी ” जीत “सिफँ तुम…
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मोहब्बत भीख है शायद..
बड़ी मुश्किल से मिलती है.!!
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नही हो सकता कद
तेरा ऊँचा किसी भी माँ से….
ए खुदा…..!! तू जिसे आदमी बनाता है,
वो उसे इन्सान बनाती है….!!
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तलाशी लेकर मेरे हाथों की, क्या पा लोगे तुम बोलो…
बस..
चंद लकीरों में छिपे, अधूरे से कुछ किस्से हैं..!
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शायरी मेरा शौक नही, दोस्तों….
ये तो, मोहब्बत की कुछ सज़ाएं हैं.!!
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न दर्द हुआ सीने में, न माथे पे शिकन आई…
इस बार जब दिल टूटा तो बस मुस्कान आई…
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बात तो सिर्फ जज़्बातों की है
वरना,
मोहब्बत तो सात फेरों के बाद भी नहीं होती…
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ख़ामोशी छुपाती है ऐब और हुनर दोनों ,
शख्सियत का अंदाज़ा गुफ्तगू से होता है ..!!
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काश किस्मत भी नींद
की तरह होती ,
हर सुबह खुल जाती …
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सुलग रही हैं अगरबितयाँ सी मुझ में,
तेरी याद ने महका भी दिया और जला भी दिया…
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दिलों में खोट है ज़ुबां से प्यार करते हैं…
बहुत से लोग दुनिया में यही व्यापार करते हैं…
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दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे,
जब बरसी ख़ुशियाँ …
न जाने भीड़ कहा से आई………
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“उम्र भर चलते रहे …मगर कंधो पे आये कब्र तक,
बस कुछ कदम के वास्ते गैरों का अहसान हो गया……!!
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मुझे किस तरफ जाना है कोई खबर नहीं,ए-दोस्तों,
मेरे रस्ते खो गए…मेरी मोहोब्बत की तरह.
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अजीब कहानी है इश्क और मोहब्बत
की,
उसे पाया ही नहीं फिर भी खोने से
डरता हूँ…
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दिलो जान से करेंगे हिफ़ाज़त तेरी..
बस एक बार तू कह दे कि ” मैं अमानत हूं तेरी..
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हो सके तो अब कोई सौदा ना करना….!
मैं पिछली महोब्बत में जिन्दगी हार
आया हूँ!
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क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज,
हाल हमारा पूँछ कर …
हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा हैं. .
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साला दिल तो सिने मैं होता है….पर
जब टूटता है,
तो दर्द पुरे जिस्म मैं होता है…
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एक शर्त पर खेलूँगा ये प्यार की बाज़ी,
मैं जीतू तो तुझे पाऊँ, और हारूँ तो तेरा हो जाऊ…
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हथेलियों पर मेहँदी का ”जोर ना डालिये…
दब के मर जाएँगी मेरे “नाम” कि लकीरें…!!!!
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ये बड़े शहर और बेइंतेहा ऊँची इमारतें…
के अब ये अँधेरा रात में कम और दिल में ज्यादा होता है…!!
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तुम्हारा ख्याल भी तुम्हारी तरह मेरी नही सुनता….!!
जब आता हैतो बसआता ही चला जाता है….!!
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नशा दौलत का हो, या शोहरत का
चूर कर देता है।
और नशा अगर मोहब्बत का हो,तो मशहूर कर देता है।।
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मैं तुम्हारी कुछ मिसाल तो दे दूँ…….
मगर जानां… !
जुल्म ये है कि …
बे-मिसाल हो तुम” …!!!
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क़ाश कोई ऐसा हो,
जो गले लगा कर कहे,
तेरे दर्द से,
मुझे भी तकलीफ होती है..
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इंसान बिकता है …
कितना महँगा या सस्ता ये
उसकी मजबूरी तय करती है…!
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आज फिर जख्मों पर नमक डाला गया है….
फिर मुद्दा तेरा-मेरा आज उछाला गया है…
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इश्क़ में ख्वाब का ख्याल किसे,
ना लगी आँख, जब से आँख लगी।
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जब पैसा होता हे तब आप दुनिया को देखते हो,
जब नहो तब दुनिया को समजते हो…
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शेर अगर चूप है तो इसका मतलब ये नही .की वो दहाड़ना भूल गया…
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बहुत उदास बैठे हो….
कहो तो दिल दूं खेलने के लिए….!!
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चलो आज फिर थोड़ा मुस्कुराया जाएँ,
बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाएँ…
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मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन तो है;
पर टूट कर चाहना सिर्फ एक बार होता है।
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तड़पते है नींद के लिए तो यही दुआ निकलती है !!!
बहुत बुरी है मोहबत,
किसी दुश्मन को भी ना हो…!!
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हम मतलबी नहीं की चाहने वालो को धोखा दे ,
बस हमें समझना हर किसी की बसकी बात नही !!!
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तुं हर जगह खबसुरती तलाश न कर,
हर अच्छी चीज मेरे जैसी नहीं होती !
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खुशियाँ पैसों की मोहताज नहीं होती.. खुशियाँ हो तो बरकत भी हो जाती है।
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ये तारों की नीरसता और चाँद का धुंधलापन — मेरी बेबसी का बयान हैं।
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अजब दस्तूर है ज़माने का,, लोग यहाँ पूरी इमानदारी से अपना ईमान बेचते हैं,,
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मुझको मेरे अकेलेपन से अब शिकायत नहीँ है।
मैँ पत्थर हूं मुझे खुद से भी मुहब्बत नहीँ है।
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तेरे हाथों में मुझे अपनी तक़दीर नज़र आती है;
देखूं मैं जो भी चेहरा तेरी तस्वीर नजर आती है…
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मेरी मौत पे किसी को अफ़सोस हो न हो,,
ऐ दोस्त पर तन्हाई रोएगी कि मेरा हमसफर चला गया..!!
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कितना भी चमके,
पीठ पीछे हर आईना काला ही हाेता है..!!
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क्या बताये कैसे कैसे मिल जाते है लाेग,
रहम दिल क्या हुए राेज छल जाते है लाेग..!!
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कर सको तो किसी को खुश करो
दुःख देते तो हजारों को देखा है….
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ए दोस्त…..
कौन कहता है की मुझ में कोई कमाल रखा है……
मुझे तो बस कुछ दोस्तो ने संभाल रक्खा है……
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इश्क़ बुझ चुका है,
क्यूंकि हम ज़ल चुके हैं….
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नहीं चाहिए वो जो मेरी किस्मत में नहीं ,
भीख मांग कर जीना मेरी फितरत में नहीं..!!
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हमने तो इससे कंही ज्यादा सहा है जिंदगी में,
आपका हमसे मुहँ मोड़ जाना कोई बड़ी बात नही..!!
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ढूंढ़ रही है वो मुझसे ख़फ़ा होने का तरीका,
सोचता हूँ थप्पड़ मारकर उसकी मुश्क़िल आसान कर दूँ..!!
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खेल ताश का हो या ज़िन्दगी का
अपना इक्का तभी दिखाना चाहिए
जब सामने वाला बादशाह निकाले..
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“तुम शिकायतें बहुत करती हो,बिछड़ने की!
पहले भी यही करती थी पर, मिलने की!!”
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शायद अब इश्क उतर रहा है सर से…..
मुझे अलफ़ाज़ नहीं मिलते शायरी के लिए….!
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‘नमक’ की तरह हो गयी है जिंदगी…
लोग ‘स्वादानुसार’ इस्तेमाल कर लेते हैं…!!!
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तेरे गुस्से पर भी आज हमें प्यार आया है..
चलो कोई तो है.. जिसने इतने हक से, हमें धमकाया है..!!
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जिंदगी बस इतना अगर दे दे तो काफी है… के सर
से चादर न हटे , और पांव भी चादर में रहे…!!!
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“दर्द को दर्द से न देखो,
दर्द को भी दर्द होता है,
दर्द को ज़रूरत है दोस्त की,
आखिर दोस्त ही दर्द में हमदर्द होता है”
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लहराती जुल्फे , कजरारे नयन , और ये रसीले होंठ …
बस कत्ल बाकी है , औज़ार तो सब पुरे हैं …
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चलो सिक्का उछाल के कर लेते हैं फैसला आज,
चित आये तो तुम मेरे और पट आये तो हम तेरे.
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नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से..
मैंने आने न दिया उसको तेरी याद से पहले…!!
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किस्मत तो लिखी थी मेरी सोने की कलम से,
पर इसका क्या करें कि स्याही में ज़हर था..
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ये मोहब्बत है या नफरत कोई इतना तो समझाए,
कभी मैं दिल से लड़ता हूँ कभी दिल मुझ से लड़ता है…
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अपनी तक़दीर में तो कुछ ऐसा ही सिलसिला लिखा है,
किसी ने वक़्त गुजारने के लिए अपना बनाया,
तो किसी ने अपना बना कर वक़्त गुज़ार लिया.
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जीतने वाला ही नहीं, बल्कि ‘कहाँ हारना है’ ये जानने वाला भी सिकंदर होता है..
*******
सब कुछ पा लिया मैंने , पर वो तेरे मेंहदी लगे हाथ मेरे ना हो सके..!!
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अब तो डरने लगा हुँ मैं …जब कोई कहता हैं की “मेरा विश्वास तो करो”.
*******
तेरे होते हुए भी तन्हाई मिली है,
वफ़ा करके भी देखो बुराई मिली है,
जितनी दुआ की तुम्हे पाने की,
उस से ज़यादा तेरी जुदाई मिली है…
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मैने कभी जुठ बोलना सीखा नही, ईसीलीये तो कई लोग मूजसे नफरत करते है…
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वो मेरी हसरत थी मैं उसकी जरुरत था ..
फिर क्या था ,
जरुरत पूरी हो गई हसरत अधूरी रह गई…
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नजर अंदाज करने कि कुछ तो वजह बताई होती,
अब में कहाँ कहाँ खुद में बुराई ढूँढू …!
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जब गिला शिकवा अपनों से हो तो ख़ामोशी भली…,,,
अब हर बात पर जंग हो जरूरी तो नहीं…!!!
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इश्क ने कब इजाजत ली है आशिक़ों से,
वो होता है, और होकर ही रहता है..!
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दिल ने आज फिर तेरे दीदार की ख्वाहिश रखी है,
अगर फुरसत मिले तो ख्वाबों मे आ जाना….. !
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तुम आओ और कभी दस्तक तो दो इस दिल पर…
प्यार उम्मीद से कम हो तो सज़ा-ऐ-मौत दे देना ॥
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तुम याद भी आते हो तो चुप रहते हैं, ….!!
के आँखो को खबर हुई तो बरस जाएंगी !!
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बिछड़ के वों रोंज मिलता हैं ख़्वाब नगर में…!!
अगर ये नींद भी ना होंती तों हम मर गये होंते…!!
*******
उसने पूछा कि कौनसा तोहफा है मनपसंद….?
मैंने कहा..वो शाम जो अब तक उधार है..
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कोई दगा देता है किसी को….
तो ‘तुम्हारी’ और याद आती है….
*******
कारन अगर रोने का पूछे तो फ़कत इतना कह देना….
मुझे हँसना नही आता, जहाँ पर वो ना हो….
*******
ऐ मोहब्बत तू शर्म से डूब मर,एक शख्श को तू मेरा ना कर सकी…!!!
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जब सब तेरी मरजी से होता हे…
तो ऎ खुदा, ये बन्दा गुनाहगार केसे हो गया…
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वो शख्स फिर से मुझे तोड़ गया आज ,
जिसे कभी हम पूरी दुनिया कहा करते थे…
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याद नहीं वो रूठा था या मैं रूठा था,
साथ हमारा जरा सी बात पे छूटा था….
*******
तुम्हे हक़ है अपनी ज़िन्दगी जैसे चाहे जियो तुम…
बस जरा एक पल के लिए सोचना तुम मेरी ज़िन्दगी हो ….
*******
काश ये मोहब्बत ख्वाब सी होती,
बस आँखे खुलती और किस्सा खत्म.
*******
कुछ लोग ये सोचकर भी मेरा हाल नहीं पुँछते…!
कि ये पागल दिवाना फीर कोई शैर सुना देँगा….
*******
उलझते जाते है तेरे हर सवाल से ए ज़िन्दगी,
क्यों तुझे ज़वाबों से इतना लगाव सा है।।
*******
हमे भी आते हैं अंदाज़ दिल तोड़ने के,
हर दिल में खुदा बसता है यही सोचकर चुप हू मै ।।
*******
हम तो उम्र भर के मुसाफ़िर हैं..
मत पूछ, तेरी तलाश में कितने सफ़र किए हैं हमने ।।
*******
वक़्त के साथ ढल गया हूँ मैं,
बस ज़रा-सा बदल गया हूँ मैं l
*******
दिल से
मजबूर हुये
बैठे थे…
हाथों में तुम्हारी
तस्वीर लिये बैठे थे…..!!!
*******
जान दे सकते हैं हम ,
आपकी खातिर यही हमारे बस में है,
गरीब लोग हैं
नहीं करते बातें सितारे तोड़ लाने की … !
*******
चीजों की कीमत मिलने से पहले होती है,
और इंसानों की कीमत खोने के बाद…!
*******
कुछ लोगों को क्या खूब खुशियाँ मिलती है,
प्यासे को पानी नहीं मिलता,
और समुन्दर में नदियां मिलती हैं..!!
*******
एक तुम को अगर चुरा लूँ मैं….
हाय !
सारा जमाना गरीब हो जाये….!!
*******
ऐसा नहीं कि शख्स अच्छा नहीं था वो ,
जैसा मेरे ख्याल में था बस वैसा नहीं था वो ……
*******
हिचकियों को न भेजो अपना मुखबिर बना के..
हमें और भी काम हैं तुम्हें याद करने के सिवा..
*******
सोचा आज उसके सिवा कुछ और सोचूं,
और अभी तक इसी सोच मे हूँ की क्या सोचूँ??!!
*******
कुछ खास नहीं इन हाथों की लकीरों में,,
मगर तुम हो तो एक लकीर ही काफी है….
*******
दुनियाँ भर की यादें हम से मिलने आती हैं…
शाम ढले इस सूने घर में मेला लगता है..
*******
हम अपनी दिलपसंद पनाहों में आ गए…
जब हम सिमट के आपकी बाहों में आ गए…
*******
बुझतें हुएं दिये पे हवाने असर किया,
मां ने दुआएं की तो दवाने असर किया.
– डो. नवाज देवबंदी
*******
मोहब्बत में सर झुका देना कुछ मुश्किल नहीं,
रौशन सूरज भी चाँद कि ख़ातिर डूब जाता है…
*******
शायरी मे सिमटते कहाँ है दिल के दर्द दोस्तो..
बहला रहे है खुद को जरा आप लोगो के साथ..
*******
ज़िन्दगी मिली भी तो क्या मिली,बन के बेवफा मिली…..
इतने तो मेरे गुनाह ना थे,जितनी मुझे सजा मिली….
*******
जुर्म गर मैंने किया है तो बताया जाए,
ऐसे चुप चाप न सूली पे चढाया जाए !!
*******
तुमको नाराज ही रहना है तो कोई बात करो ,
के चुपचाप रहने से मोहब्बत का गुमान होता है . . !!
*******
रुसवाई का डर है या अंधेरों से मुहब्बत खुदा जाने…
अब मैं चाँद को अपने आँगन में उतरने नही देता !!
*******
अरमान ही बरसो तक जला करते है मेरे दोस्त।
इंसान तो बस इक पल मे खाक हो जाता है…
*******
तलाश है इक ऐसे शक्स की , जो आँखो मे उस वक्त दर्द देख ले,
जब दुनियाँ हमसे कहती है, क्या यार तुम हमेशा हँसते ही रहते हो…
*******
चाहे दुआ कबुल हो या ना हो पगली ,
मुझे लोगों की तरह खुदा बदलना नहीं आता आदी…
*******
ना ज़ख्म भरे, ना शराब सहारा हुई।
ना वो वापस लौटे, ना मोहब्बत दोबारा हुई।
*******
तुमने ही सफ़र कराया था मोहब्बत की कश्ती का,
अब नजरे ना चुराओ मुझे डूबता देख कर..!.
*******
लोग रोज नसें काटते हैं ….
प्यार साबित करने के लिये,
पर कोई, सूई भी नही चुभने देता….
“रक्तदान” करने के लिये…..
*******
मुस्कुरा दो जरा खुदा के लिये,
शम्मे महेफिल में रोशनी कम है !
*******
ए शराब ..
मुझे तुमसे मोहब्बत नही । मुझे तो उन
पलों से मोहब्बत है जो तुम्हारे कारण मै
दोस्तौ के साथ बिताता हूँ….
*******
ना जाने क्या कशिश है उनकी मदहोश
निगाहो मे…..
नजर अंदाज कितना भी करो नजर उनपे ही पड़ती है ।
*******
फासलों को तय करने का होसला तो है,
महज अपने जहन मे तु मुझे रहने तो दे .
*******
वो अल्फाज़ ही क्या जो समझाने पड़े..
मैनें मोहब्बत की थी वकालत नहीं…!!
*******
किसी को युँ रुलाया नहीं करते,
झूठे खवाब किसी को दिखाया नहीं करते,
अगर कोई आपकी जिन्दगी में खास नहीं है,
तो उससे रह-रह कर ये एहसास दिलाया नहीं करते.
*******
अहसासों के काग़ज पर,
ख़ुद को लिखता रहता हूँ…
*******
“बुरे वक़्त का लम्हा हूँ,
अंधा, गूंगा, बहरा हूँ…
*******
गिरने को हूँ यूँ समझो,
एक पुराना कमरा हूँ…
*******
ये ना समझना कि खुशियो के ही तलबगार है हम,
तुम अगर अश्क भी बेचो तो उसके भी खरीदार है हम !
*******
तुम्हारा आना एक ख़्याल था,
जाना भी एक सपने जैसा है…
*******
सब आप की आँखों से जहाँ देख रहे हैं,
मैं आप की आँखों में जहाँ देख रहा हूँ ।
*******
सच ही लिखा था मेरे हाथों की लकीरों में ग़ालिब…
कि अगर तू प्यार करेगा तो बिखर जाएगा…!!
*******
वक़्त भी लेता है करवटें कैसी कैसी,
इतनी तो उम्र भी ना थी जितने सबक सीख लिए हमने…
*******
जब हौसला बना लिया ऊँची उड़ान का…
फिर देखना फिज़ूल है कद आसमान का…
*******
खुदा करे, सलामत रहें दोनों हमेशा,
एक तुम और दूसरा मुस्कुराना तुम्हारा.
*******
अजीब सा जहर है तेरी यादों मै..!!
मरते मरते मुझे सारी ज़िन्दगी लगेगी…!!
*******
कुछ खास नही बस इतनी सी है मोहब्बत मेरी .. !!
हर रात का आखरी खयाल और हर सुबह की पहली सोच हो तुम…!!!
*******
कौन खरीदेगा अब हीरों के दाम में तुम्हारें आंशू ..!
वो जो दर्द का सौदागर था, मोहब्बत छोड़ दी उसने..!
*******
नमक तुम हाथ में लेकर, सितमगर सोचते क्या हो,,
हजारों जख्म है दिल पर, जहाँ चाहो छिड़क डालो…!!
*******
मुझे भी ज़िन्दगी में तुम ज़रूरी मत समझ लेना,
सुना है तुम ज़रूरी काम अक्सर भूल जाते हो…!!
*******
तुम जुआरी बड़े ही माहिर हो ..
एक दिल का पत्ता फेक कर जिदंगी खरीद लेते हो ..
*******
अक्सर लोग प्यार में कसमें खाते हैं….
पर जो कसमों का मोहताज हो…
वो प्यार कैसा..?????
*******
गर मुहब्बत खेल है ,हमने खुद को दांव पे लगा दिया है,
अब दुआ करते हैं रब से, तुम ज़रूर जीतो……..
*******
करीब आने की कोशिश तो मैं करूँ लेकिन;
हमारे बिच कोई फ़ासला दिखाई तो दे !!
*******
मेरी खामोशी देखकर मुझसे ये ज़माना बोला,
तेरी संज़ीदगी बताती है तुझे हँसने का शौक़ था कभी…!!
*******
ज़रा शिद्दत से चाहो तभी होगी आरज़ू पूरी।
हम वो नहीं जो तुम्हे खैरात में मिल जायेंगे .
*******
आटा कम पड़ गया था, माँ ने बटवारा कुछ इस तरह किया. मेरे हिस्से की भूख, उसके हाथ लगी. उसके हिस्से की रोटियाँ, मेरे हाथ.
*******
दिलों से खेलना हमे भी आता हे ,
पर जीस खेल में खिलौना टूट जाये ;
वो खेल हमे पसंद नही ।
*******
फर्क है दोस्ती और मोहोब्बत मे…
बरसो बाद मिलने पर
दोस्ती सीने से लगा लेती है,
और मोहब्बत,
नज़र चुरा लेती है…!!
*******
समझौतों की भीड़-भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया,
इतने घुटने टेके हमने आख़िर घुटना टूट गया…
*******
सिखा दिया दुनिया ने मुझे ,अपनो पर भी शक करना ।मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था ! …
*******
देखना .. एक दिन बदल जाऊगा पूरी तरह मैं,
तुम्हारे लिए न सही..
लेकिन…तुम्हारी वजह से ही सही..!!
*******
हाल पूछा न खैरियत पूछी
आज भी उसने,
हैसियत पूछी.
*******
इश्क़ महसूस करना भी इबादत से कम नहीं,
ज़रा बताइये, छू कर खुदा को किसी ने देखा हैं?
*******
तुम्हारी आँखों की तौहीन है जरा सोंचो
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है !!
*******
दोनों जानते हे के, हम नहीं एक-दूसरे के नसीब में,
फिर भी मोहब्बत दिन-ब-दिन बे-पनाह होती जा रही हे !!
*******
पहले तो यूँ ही गुजर जाती थी …….
तुमसे मोहब्बत हुई तो रातों का एहसास हुआ……!!
*******
“खुद ही रोये और रोकर चुप हो गऐ.बस यही सोच कर कि आज कोई अपना होता तो रोने नही देता”.?
*******
वो लड़ेंगे क्या कि जो खुद पर फ़िदा हैं।।
हम लड़ेंगे, हम ख़ुदाओं से लड़े हैं।।
*******
हाथ पर हाथ रखा उसने तो मालूम हुआ,
अनकही बात को कैसे सुना जाता है।
*******
“चिलम को पता है अंगारों से आशिकी का अंजाम,
दिल में धुआं और दामन में बस राख ही रह जाएगी।।
*******
मेरे दुश्मन भी, मेरे मुरीद हैं शायद,
वक़्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते हैं ,
मेरी गली से गुज़रते हैं छुपा के खंजर,
रु-ब-रु होने पर सलाम किया करते हैं !
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ढूंढ कर लाओ कोई हो तो सुलाने वाला,
सैंकड़ों लोग हैं दुनिया में जगाने वाले.
*******
यारा बता दे झरा कैसे करुँ मेँ ईझहार ए ईश्क ????
शायरि वोह समजती नहीँ और अदाए
हमें आती नहीँ |
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मेरे अलावा किसी और को अपना महबूब बना कर देख ले,
तेरी हर धड़कन कहेगी उसकी वफ़ा मैं कुछ और बात थी…
*******
हम अपनी दिलपसंद पनाहों में आ गए…
जब हम सिमट के आपकी बाहों में आ गए…
*******
उसका मिलना तक़दीर में ही नही था,
वरना…
मैंने क्या कुछ नही खोया, उसे पाने के लिए..!!
*******
परवाह करने वाले रूला जाते है,
अपना समझने वाले पराया बना जाते है,
चाहे जितनी वफाऐं कर लो इनसे,
न छोडेगे तुमको कहकर छोड जाते हैं….!
*******
सब कुछ मिला सकून की दौलत नहीं मिली,
एक तुज को भुल जाने की मोहलत नहीं मिली,
करने तो बहुत काम थे अपने लिए…!!
मगर हमको तेरे ख्यालो से फुर्सत नहीं मिली..
*******
ना तेरे आने कि खुशी ना तेरे जाने का गम,
गुजर गया वो जमाना जब तेरे दीवाने थे हम…।
*******
तू एकबार मेरी निगाहो मे देख कर कह दे, कि हम तेरे काबिल नही. !
कसम तेरी चलती साँसो की, हम तुझे देखना तक छोड़ देंगे…
*******
वहां से पानी कि एक बूँद भी न निकली …
तमाम उम्र जिन आँखों को झील लिखते रहे हम…..
*******
मंजिल मेरे कदमों से अभी दूर बहुत है…
मगर तसल्ली ये है कि कदम मेरे साथ हैं…!!
*******
कसुर इतना था की निगाहे उठादी सच के सामने…
वो कमबख्त झुठ सुनने बैठे थे ।
*******
वो मोबाइल के इक फोल्डर में तेरी तस्वीरें इकठ्ठा की है मैंने..
बस इसके सिवा और ख़ास कुछ
जायदाद नहीं है मेरी..!!
*******
ये जो तुम बार बार हवा देते हो, तो ये यादों के पन्ने फड़फड़ाते हैं….!!
भूल जाने दो अब, क्यों मुझे बार बार जगा देते हो…..!!!
*******
खरीदने निकला था थोड़ी ख़ुशी,
ज्यादा खुश तो वो मिले जिनकी जैबें खाली थी !!
*******
दुआ करते हैं हम सर झुका के,आप अपनी मंज़िल को पाए,अगर आपकी राहों मे कभी अंधेरा आए,तो रोशनी के लिए खुदा हमको जलाए.
*******
वो रूठ के बोली… “तुम्हें सब शिकायतें मुझ ही से हैं,”
हम ने सर झुका के कह दिया..,”मुझे सब उम्मीदें भी तो तुझ ही से हैं”..!!
*******
कल एक फ़कीर ने मेरी आँखों में झांक के बोला,
ऐ बन्दे तू तो बहुत खुशमिजाज़ था… इश्क़ होने से पहले……..
*******
शहंशाही नहीं ईसानियत अदा कर मेरे मौला,
मुझे लोगो पर नहीं दिलो पर राज करना है….
*******
हाेशीयार हम भी थे के मैफील मै बैठकर पिते रहे|
शराबी हि सहि, पर हमने खुद के जनाझे कि तैयारी करली….
*******
” तू रख यकीन बस अपने इरादों पर,
तेरी हार तेरे हौसलों से तो बड़ी नहीं होगी ! ”
*******
बेशक पलट के देख वो बीता कल है…
पर बढ़ना तो उधर ही है जहाँ आने वाला कल है..
*******
मुट्ठी भर उजाला बांट दीया
और कहा.. लो हो गयी सुबह !
*******
आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है,
भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है.
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सिगरेट जलाई थी तेरी याद भुलाने को,
मगर कम्बख्त
धुए ने तेरी तस्वीर बना डाली..!!
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सूरत तो फिर भी सूरत है…
मुझे तो तेरे नाम के लोग भी अच्छे लगते
है…!!
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बेबसी की शायरी करने वाले दो ही तरह के होते है,
या तो ठुकराए हुए , या फिर अपनाए हुए…
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आंखे कितनी भी छोटी क्यु ना हो,
ताकत तो उसमे सारे आसमान देखने
कि होती हॆ..!
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अपने सायें से भी ज़यादा यकीं है मुझे तुम पर,
अंधेरों में तुम तो मिल जाते हो, साया नहीं मिलता……..!!
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बादल चाँद को छुपा सकता है आकाश को नही…….
हम सबको भुला सकते है आप को नही…
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इन्कार किया जिन्होंने मेरा समय देखकर…
वादा है मेरा,
ऐसा समय भी लाऊंगा कि मिलना पड़ेगा मुझसे समय लेकर..”
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प्यार ,एहसान ,नफरत ,दुश्मनी जो चाहो वो मुजसे करलो… आप की कसम वही दुगुना मीलेगा..!!
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एक तन्हा रात…
एक आधा चांद …
एक टुकडा नींद…
एक चेहरा तुम …
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खैलती है मेरे दुखो के साथ,
जिंदगी किस कदर शरारती है..
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ये जब जब भरमाती है,
कुछ न कुछ सिखाती है.
ये ज़िंदगी है ,
देती है तक़लीफ़,
तो संग मुस्कुराती भी है..!!!
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मैंने उस शख्स को कभी हासिल ही नहीं किया,
फिर भी हर लम्हा लगता है कि, मैंने उसे खो दिया…..
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अब तेरी याद क्यूँ नहीं आती…
अब तो मसरूफ़ भी नहीं हूँ मैं…
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ये तो शौक है मेरा दर्द लफ्जो मे बयां करने का,
नादान लोग हमे युं ही शायर समझ लेते है,.
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तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
अब आँख भर आती है मगर तुम नजर नहीँ आते।
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तेरी जुदाई का शिकवा करूँ भी तो किससे करूँ।
यहाँ तो हर कोई अब भी मुझे तेरा समझता हैं।
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खूशबू की जंजीरो से
सितारो की हदो तक……,
इस शहर मे सब कुछ है, सिर्फ
तेरी कमी है….
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मैं हर काम गलत करता हु पर ,,
कोई गलत काम नहीं करता।
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मेरे दिल में ज्यादा देर तक रुकता नहीं कोई ,
लोग कहते हैं मेरे दिल में साया है तेरा …
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गुजर जायेगा ये दौर भी,जरा सा इत्मिनान तो रख ।
जब खुशिया ही नहीं ठहरी, तो गम की क्या बिसात ।।
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मुश्किल हो रहा है जीना मेरा…
तुझे कसम है मेरी, दे दे वापस दिल मेरा.. ..
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हम किसीको अपनी मरजी से चाह तो सकते है,..
लेकिन
उसे ये नहीं केह सकते की तुम मुझ से ही महोब्बत करो.
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पगली तेरी मोहोबत ने मेरा ये हालकरदिया है;
मैं नहीं रोता, लोग मुझे देख कर रोते हैं….
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जो बात “हम” में थी, वो बात ना “तुम” में हैं, ना “मुझ” में हैं !!
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आज अपनी फालतू चीजें बेच रहा हूँ
मैं…..!!
है कोई ऐसा जिसे मेरी शराफत
चाहिए….।।
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करती है बार बार फोन, वो ये कहने के लिए…
कि जाओ, मुझे तुमसे बात नही करनी…
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दिए हैं ज़ख़्म तो मरहम का तकल्लुफ न करो….
कुछ तो रहने दो, मुझ पे एहसान अपना….
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खामोशी भी बहुत कुछ कहती है…
पर कान नही दिल लगाकर सुनना पड़ता है…!
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नहीं चाहिए वो सब जो मेरी किस्मत में नहीं,
भीख मांग कर जीना मेरी फितरत में नहीं ।
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हर किसी के नसीब मेँ कहाँ लिखी है चाहतेँ,
कुछ लोग दुनिया मेँ आते है फ़कत तन्हाइयों के लिये॥
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हर रात का आखरी खयाल या सुबह की पहली सोच सिर्फ तुम हो!
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जीभ सुधर जाए …
तो जीवन सुधरने में वक्त नहीं लगेगा…
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आ गया है फर्क तुम्हारी नजरों में यकीनन…
अब एक खास अंदाज़ से नजर अंदाज़ करते हो हमे…
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कोई ठुकरा दे तो हँसकर जी लेना,
क्यूँकि मोहब्बत की दुनिया में
ज़बरजस्ती नहीं होती!
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मेरी खमोशियो के राज़ ख़ुद मुझे ही नहीं मालूम…
जाने क्यू लोग मुझे मगरूर समझते है…
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तू मेरे दिल पे हाथ रख के तो देख,
मैं तेरे हाथ पे दिल ना रख दूँ तो कहना..!!
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सजा मेरे हिस्सेकी उनको बस ईतनी ही देना मेरे मौला;
तारे मै गिनता रहु और वो रात-भर करवटे बदलती रहे!
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