Thursday, 24 December 2015

Dosti Shayari in Hindi

बातें करके रुला ना दीजियेगा,
यूं चुप रहके सज़ा ना दीजियेगा,
ना दे सके खुशी तो ग़म ही सही,
पर दोस्त बना के यूं भुला ना दीजियेगा
*************************************

दुनियादारी में हम थोड़े कच्चे हैं;
पर दोस्ती के मामले में सच्चे है;
हमारी सच्चाई बस इस बात पर कायम है;
कि हमारे दोस्त हमसे भी अच्छे हैं।
************************************************
आज मेरा दोस्त मुझसे रूठा है
मेरे सब्र का बाँध भी अब टूटा हैवो 
मुझे मिला ही कब था इस जमाने में
जो मैं ये सोंचता हूँ की वो मुझसे छूटा है
************************************************
तारों में अकेले चाँद जगमगाता है,
मुश्किलों में अकेला इन्सान डगमगाता है,
काँटों से मत घबराना मेरे दोस्त,
क्योंकि काँटों में ही एक गुलाब मुस्कुराता है
********************************************************
क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त
क्यूँ गम को बाँट लेते हैं दोस्त,
न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है,
फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त

Dard Bhari Shayari

अपने दिल की भावनाओं में बह गए हम इतना…. 
की खयाल न रहा अपनों के दिल का …..

तक़दीर के आईने में मेरी तस्वीर खो गई;
आज हमेशा के लिए मेरी रूह सो गई;
मोहब्बत करके क्या पाया मैंने;
वो कल मेरी थी आज किसी और की हो गई!
$$$$$$
बातें करके रुला ना दीजियेगा,

यूं चुप रहके सज़ा ना दीजियेगा,
ना दे सके खुशी तो ग़म ही सही,
पर दोस्त बना के यूं भुला ना दीजियेगा। 
                   ####
हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर,
तुझपर ज़रा भी ज़ोर होता मेरा,
ना रोते हम यूँ तेरे लिये,
अगर हमारी ज़िन्दगी में तेरे सिवा कोई ओर होता..
                   &&&&
खवाहिश नही मुझे मशहुर होने की।
आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है।
अच्छे ने अच्छा और बुरे ने बुरा जाना मुझे।
क्यों की जीसकी जीतनी जरुरत थी उसने उतना ही पहचाना मुझे।
ऐसा नहीं है कि मुझमें कोई ऐब नहीं है
पर सच कहता हूँ मुझमे कोई फरेब नहीं है!!
                        *****

हमने सोचा था कि शायद, हम ही चाहते है तुमको,
पर तुम्हें चाहने वाला तो काफिला निकला,
दिल ने कहा शिकायत कर खुदा से,
पर खुदा भी तेरा चाहने वाला निकला
                     *****
ना मिलता गम तो बर्बादी के अफसाने कहाँ जाते,
दुनिया अगर होती चमन तो वीराने कहाँ जाते,
चलो अच्छा हुआ अपनों मैं कोई ग़ैर तो निकला,
सभी अगर अपने होते तो बेगाने कहाँ जाते..