Thursday 24 December 2015

Dosti Shayari in Hindi

बातें करके रुला ना दीजियेगा,
यूं चुप रहके सज़ा ना दीजियेगा,
ना दे सके खुशी तो ग़म ही सही,
पर दोस्त बना के यूं भुला ना दीजियेगा
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दुनियादारी में हम थोड़े कच्चे हैं;
पर दोस्ती के मामले में सच्चे है;
हमारी सच्चाई बस इस बात पर कायम है;
कि हमारे दोस्त हमसे भी अच्छे हैं।
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आज मेरा दोस्त मुझसे रूठा है
मेरे सब्र का बाँध भी अब टूटा हैवो 
मुझे मिला ही कब था इस जमाने में
जो मैं ये सोंचता हूँ की वो मुझसे छूटा है
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तारों में अकेले चाँद जगमगाता है,
मुश्किलों में अकेला इन्सान डगमगाता है,
काँटों से मत घबराना मेरे दोस्त,
क्योंकि काँटों में ही एक गुलाब मुस्कुराता है
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क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त
क्यूँ गम को बाँट लेते हैं दोस्त,
न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है,
फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त

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